परदे के पीछे प्रिटी जिंटा प्रतिस्पर्धा से भयभीत नहीं हैं क्योंकि उनका यकीन है कि उन्हें उम्र और प्रतिभा के अनुरूप भूमिकाएं मिलती रहेंगी। इस तरह का आत्मविश्वास भीतरी मजबूती से आता है। सफलता की उतंग लहरों के बीच अपने सिर को पानी की सतह से ऊपर रखना कठिन है।
दक्षिण अफ्रीका में प्रस्तुत क्रिकेट सर्कस में प्रिटी जिंटा का धन लगा है और वह तन-मन-धन से खेल में शामिल हैं। शिल्पा शेट्टी भी अपने अंतरंग मित्र के लगाए धन पर इठलाती हुई वहां मौजूद हैं और उन्होंने कहा है कि वह मैदान में दौड़ते हुए अपने खिलाड़ियों के गले नहीं लगेंगी। शिल्पा का इशारा प्रिटी जिंटा की ओर था जो पूरे जोश खरोश से शामिल हैं।
शिल्पा शेट्टी का व्यवहार नवधनाडच्य वर्ग की तरह है परंतु प्रिटी जिंटा मेहनतकश साझेदार की तरह प्रस्तुत हैं। प्रिटी जिंटा विगत दो वर्षो से कला फिल्में कर रही हैं और हाल ही में अभिन्न मित्र सलमान खान की करीना कपूर अभिनीत घरेलू फिल्म ‘मि. एंड मिसेज खन्ना’ में अतिथि कलाकार के रूप में एक भड़कीला नृत्य कर चुकी हैं। इसी क्रिकेट सर्कस के पहले भाग से वह खेल की बारीकियां समझने का प्रयास कर रही हैं। विगत वर्ष उन्होंने एक संस्था की मदद से 34 लड़कियों को शिक्षा और खाने-पीने का खर्च देना शुरू किया है।
ज्ञातव्य है कि कुंदन शाह की ‘क्या कहना’ में प्रिटी जिंटा ने विश्वसनीय अभिनय किया था। वह एक फौजी की बेटी हैं और शिक्षा का महत्व उन्होंने अपने परिवार से सीखा है। उनका कहना है कि आज से दस वर्ष पूर्व सुविधाएं होते हुए भी इस तरह का निर्णय वह नहीं ले पातीं। क्योंकि सामाजिक प्रतिबद्धता उस वक्त विकसित नहीं थी। उम्र में पकना और बूढ़ा होना अलग बात है, प्रिटी पक रही हैं।
उद्योगपति नेस वाडिया से उनके अंतरंग संबंध रहे हैं परंतु सुना जाता है कि रिश्ते में बर्फ पड़ गई है। रिश्ते की बर्फ को दुपट्टे से झिड़ककर प्रिटी आगे आ गई हैं। प्रिटी जिंटा हर मामले में अपने समकालीन सितारों से अलग हैं। उन्होंने एक पत्रिका पर मानहानि का दावा किया है और लंबे मुकदमे की हर सुनवाई पर वह अदालत में हाजिर होती हैं। उन्होंने स्वयं को वातानुकूलित होने से बचा लिया है। सफलता की उतंग लहरों के बीच अपने सिर को पानी की सतह से ऊपर रखना कठिन है।
प्रिटी जिंटा को शेखर कपूर ने अपनी फिल्म ‘तारा रम पम’ के लिए चुना था परंतु फिल्म बनी नहीं और इसी टाइटिल के साथ यश चोपड़ा के लिए उनके सहायक ने एक घटिया फिल्म बनाई। प्रिटी को मणिरत्नम ने अपनी शाहरुख अभिनीत फिल्म ‘दिल से’ में समानांतर नायिका की भूमिका दी।
इसके बाद प्रिटी जिंटा सफलता की सीढ़ियां फलांगती रहीं और अपने शिखर काल में उन्होंने ‘वीर जारा’ और ‘कल हो न हो’ जैसी सफल फिल्में अभिनीत कीं। आज के दौर में नई लड़कियों के आ जाने से स्थापित सितारों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा पैदा हो गई है।
रानी मुखर्जी लगभग बाहर हो गई हैं क्योंकि अपने अच्छे दौर में व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने आदित्य चोपड़ा के अतिरिक्त किसी और की फिल्म स्वीकार नहीं की। बहरहाल प्रिटी जिंटा प्रतिस्पर्धा से भयभीत नहीं हैं, क्योंकि उनका यकीन है कि उन्हें उनकी उम्र और प्रतिभा के अनुरूप भूमिकाएं मिलती रहेंगी।
इस तरह का आत्मविश्वास भीतरी मजबूती से आता है। प्रेम में विफलता कुछ लोगों को तोड़ देती है और कुछ लोग कुंदन बन जाते हैं। नेस की संगत में कॉरपोरेट संस्कृति को प्रिटी ने निकट से देखा और रोलरकोस्टर पर सवार क्रिकेट व्यवसाय में जिसके साथ शामिल हुईं, वह दूर हो गया है। परंतु प्रिटी अपने स्वभाव के अनुरूप आधे-अधूरे मन से कोई काम नहीं करतीं।